न्यूयॉर्क, 7 नवंबर– AI जगत की अग्रणी कंपनी Chatgpt OpenAI को न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत से बड़ी राहत मिली है, जहां उसके खिलाफ न्यूज़ पोर्टल्स रॉ स्टोरी और ऑल्टरनेट द्वारा दायर किए गए कॉपीराइट मुकदमे को खारिज कर दिया गया। यूएस डिस्ट्रिक्ट जज कोलीन मैकमैहन ने कहा कि याचिकाकर्ता पर्याप्त हानि का सबूत पेश करने में नाकाम रहे। हालांकि, उन्होंने याचिकाकर्ताओं को नए सिरे से शिकायत दर्ज करने का अवसर दिया है, बावजूद इसके कि उन्होंने इसे साबित करने की संभावना पर संदेह व्यक्त किया
क्या है विवाद?
फरवरी में दायर इस मुकदमे में रॉ स्टोरी और ऑल्टरनेट का आरोप था कि ओपनएआई ने उनके लेखों का उपयोग अपनी AI भाषा मॉडल ChatGPT को प्रशिक्षित करने के लिए किया, और यह सामग्री कभी-कभी ChatGPT के माध्यम से पुन: प्रस्तुत की जा सकती है। रॉ स्टोरी, जिसने 2018 में ऑल्टरनेट का अधिग्रहण किया था, का प्रतिनिधित्व वकील मैट टॉपिक कर रहे हैं। टॉपिक ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी टीम कोर्ट की चिंताओं को सुधार कर नए सिरे से शिकायत दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
OpenAI की प्रतिक्रिया
ओपनएआई ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उसके AI मॉडल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के उपयोग पर आधारित हैं, जो ‘फेयर यूज’ के सिद्धांतों के अंतर्गत आता है। ओपनएआई के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमारा AI मॉडल सार्वजनिक डेटा का उपयोग करके बनाया गया है, जो लंबे समय से स्थापित कानूनी सिद्धांतों द्वारा संरक्षित है।
बढ़ते कॉपीराइट मामलों का हिस्सा
यह मामला उन कई कॉपीराइट विवादों में से एक है जो पिछले कुछ वर्षों में AI कंपनियों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं। लेखकों, कलाकारों और मीडिया संस्थानों ने AI कंपनियों पर उनके कॉपीराइट सामग्री का उपयोग करके मॉडल ट्रेन करने का आरोप लगाया है। इस श्रृंखला में, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने दिसंबर में ओपनएआई के खिलाफ इसी तरह का मामला दायर किया था, जो AI कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी चुनौती के रूप में उभरा है।
अन्य मामलों से कैसे अलग है यह मुकदमा?
रॉ स्टोरी और ऑल्टरनेट के इस मामले में एक खास बात यह थी कि इसमें सीधे तौर पर कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं बल्कि कॉपीराइट मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन (CMI) को हटाए जाने का आरोप लगाया गया था। जज मैकमैहन ने इस तर्क को सही ठहराया कि यह कथित हानि इतनी गंभीर नहीं थी कि इसके आधार पर मुकदमा चलाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे किसी कानूनी सिद्धांत की समीक्षा आगे की जा सकती है जो इस प्रकार की हानि को समर्थन दे सके।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अन्य मीडिया संगठनों के लिए एक मिसाल बनेगा, जो अपनी कॉपीराइट सामग्री के उपयोग को लेकर AI कंपनियों पर सवाल उठा रहे हैं। AI के क्षेत्र में यह मामला और ऐसे अन्य मुकदमे एक महत्वपूर्ण उदाहरण हैं जो यह स्पष्ट करेंगे कि AI कंपनियां किस हद तक सार्वजनिक डेटा का उपयोग कर सकती हैं और मीडिया संस्थान अपनी सामग्री को कैसे सुरक्षित कर सकते हैं।
मामले का संदर्भ: रॉ स्टोरी मीडिया बनाम ओपनएआई इंक, यू.एस. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फॉर द साउथर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क, केस नं. 1:24-cv-01514
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इस निर्णय से जहां AI और मीडिया के बीच की सीमा रेखा पर नई चर्चा छिड़ी है, वहीं यह भी स्पष्ट हो गया है कि ‘फेयर यूज’ और कॉपीराइट सुरक्षा के नियमों को भविष्य में और गहराई से परखा जाएगा। AI की दुनिया में यह मामला बदलाव का संकेत दे सकता है, जहां कॉपीराइट कानूनों और फेयर यूज की परिभाषा को पुनः परिभाषित करने की जरूरत महसूस की जा रही है।