डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती देखने को मिल रही है। इसका असर सोने और अन्य धातुओं की कीमतों पर भी पड़ा है, जिससे सोने की कीमतें तीन हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। निवेशक अब डॉलर में ज्यादा निवेश कर रहे हैं, जिससे सोने की मांग में गिरावट आई है।
बुधवार को Gold 2.8% गिरकर $2,667.19 प्रति औंस पर आ गया। वहीं, अमेरिकी सोने के वायदा में भी 2.7% की गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी डॉलर और मजबूत हो सकता है, जो सोने के बाजार पर दबाव बनाएगा।
फेडरल रिजर्व की बैठक पर नजरें
अब सभी की नजरें फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक पर हैं। उम्मीद की जा रही है कि फेडरल रिजर्व गुरुवार को ब्याज दरों में 0.25% की कटौती करेगा। लेकिन अगर महंगाई बढ़ती है, तो आगे और दर कटौती कम हो सकती है। डॉलर की मजबूती से महंगाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, जिससे फेडरल रिजर्व अपनी नीतियों में बदलाव कर सकता है।
अन्य धातुओं और वस्तुओं पर भी असर
डॉलर की मजबूती का असर केवल सोने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अन्य धातुओं जैसे चांदी, प्लेटिनम और पैलेडियम की कीमतों में भी गिरावट आई है। चांदी 4.4% गिरकर $31.24 प्रति औंस पर आ गई, जबकि प्लेटिनम और पैलेडियम की कीमतें भी तीन हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। इसके साथ ही तेल, गैस और अनाज जैसी वस्तुओं की कीमतों में भी गिरावट देखी गई है।
क्या आगे भी जारी रहेगा गिरावट का दौर?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर डॉलर इसी तरह मजबूत होता रहा और फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर कटौती में सावधानी बरती, तो सोने की कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है। वहीं, बाजार में राजनीतिक अनिश्चितता भी सोने की मांग को प्रभावित कर रही है। निवेशकों को फिलहाल डॉलर में निवेश करना अधिक सुरक्षित लग रहा है, जिससे सोने के बाजार पर दबाव बना हुआ है।
इस तरह, डॉलर की मजबूती के कारण सोने और अन्य धातुओं में गिरावट का रुख बना हुआ है।