राहुल गांधी से यासीन मलिक की पत्नी की भावुक अपील: जेल में बंद पति के लिए न्याय की पुकार

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Instagram credit-Mushaal Hussein Mullick

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने अपने पति की जेल में स्थिति और उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों पर गहरी चिंता जताई है। मुशाल ने राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वह संसद में इस मुद्दे को उठाएं और यासीन के लिए न्याय की अपील करें

Image source: Aaj Tak

30 साल पुराने केस का संदर्भ

पत्र में मुशाल ने बताया कि 30 साल पुराने राजद्रोह के मामले में यासीन के खिलाफ मुकदमा चल रहा है, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने फांसी की सजा की मांग की है। मुशाल का कहना है कि यासीन ने जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापना में योगदान दिया है और उन पर लगाए गए आरोप मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं

भूख हड़ताल का ऐलान

मुशाल ने अपने पत्र में खुलासा किया कि यासीन मलिक 2 नवंबर से जेल में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने लिखा, “यह भूख हड़ताल उनके स्वास्थ्य को गंभीर संकट में डाल सकती है। उन्होंने हथियार छोड़कर अहिंसा का रास्ता अपनाया है, और अब उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

यासीन के बदलाव का दावा

पत्र में मुशाल ने यासीन के हृदय परिवर्तन का दावा किया है और उनके शांतिपूर्ण दृष्टिकोण को रेखांकित किया है। उन्होंने लिखा कि यासीन अब कश्मीर में शांति के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और भाजपा सरकार उन पर पुराने मामले चलाकर प्रताड़ित कर रही है।

Instagram credit-Mushaal Hussein Mullick

भाजपा और एनआईए पर लगाए आरोप

मुशाल ने भाजपा और एनआईए पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2019 के बाद से भाजपा सरकार यासीन को लगातार प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने लिखा, “उन पर 35 साल पुराने मामले में मुकदमा चलाया जा रहा है और एनआईए फांसी की सजा की मांग कर रही है।

राहुल गांधी से अपील

अपने पत्र में मुशाल ने राहुल गांधी से अपील की है कि वह अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके संसद में इस मुद्दे को उठाएं। उन्होंने कहा, “यासीन मलिक ही कश्मीर में शांति ला सकते हैं। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि उनके लिए न्याय की मांग करें और उन्हें बचाने का प्रयास करें

क्या है यासीन मलिक का मामला?

यासीन मलिक को 2017 में आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में एनआईए ने उनके खिलाफ कई आरोप दायर किए थे, जिनमें आतंकवादी वित्त पोषण और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। 2022 में एनआईए की विशेष अदालत ने यासीन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, और अब एनआईए ने इस सजा को बढ़ाकर फांसी की मांग की है

मुशाल का यह पत्र राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। देखना होगा कि राहुल गांधी इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और क्या संसद में इस मामले पर बहस होती है।

 

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